मोबाईल से बनते बिगड़ते रिश्ते भाग-3

    

मोबाईल आज के समय की बहुत बड़ी जरुरत है हमारे रिश्ते पर कैसा असर डाल रही है , उसे दर्शाती कुछ खट्टी, मिठ्ठी, तीखी कहानियाँ,              

धीरेन्द्र भाई और ममता का एक छोटा सा परिवार था, दो लड़की तान्या और जूही, और एक लड़का गगन, बड़ा ही खुशहाल परिवार था, धीरेन्द्र भाई ने तान्या की शादी जतिन से की, जतिन बैंक में जॉब करता था और बहुत ही अच्छा लड़का था, घर में खुशियाँ ही खुशियाँ थीं, सब कुछ ठीक चल रहा था तभी एक तूफान ने धीरेन्द्र भाई के परिवार को अस्त-व्यस्त कर दिया,

मोबाईल देख कर जूही उछल पड़ी, ओ भी 4 जी, टच स्क्रीन, अपनी दीदी से लिपट गयी, थैंक्यू दीदी थैंक्यू जीजा जी, मेरे क्लास में सभी के पास मोबाईल था केवल मेरे पास नहीं, आप दोनों बहुत अच्छे हैं,

बस-बस तान्या ने जूही को अपने से अलग करते हुए कहा, अब ऐसे ही उछलती रहेगीं या जीजाजी को चाय नास्ता भी कराएगी, जूही हँसते हुए बोली अभी लायी, और किचेक में चली गयी, अरे इतना महंगा मोबाईल क्यों खरीद दिया जूही की मम्मी कुर्सी पर बैठते हुए बोली, तुम्हारे पापा को पता चलेगा तो बहुत गुस्सा करेंगे, जतिन बोला- क्यों गुस्सा करेंगे पापा जी आज कल सभी के पास मोबाइल रहता, और ऐसे भी हमारी जूही बहुत समझदार है, ओ कोई गलत काम नहीं कर सकती, जूही चाय नास्ता ले कर चली आई, सभी चाय नास्ता करते है, जतिन और तान्या अपने घर चले जाते है,

जूही मोबाईल पा कर बहुत खुश थी, अपनी सहेलियों को दिखाती, ऑनलाइन खाना, ऑनलाइन शापिंग सब शुरू हो गया, पापा और भईया के मोबाईल से तो ये सब संभव नहीं था,यूटूब फेसबुक व्हाटसअप चैटिंग सब शुरू हो गया, और फिर एक दिन वही हुआ जिसका डर था, जूही अपने घर से भाग गयी, ममता, धीरेन्द्र भाई, गगन सब जूही को ढूढने लगे, दौड़े-दौड़े पुलिस स्टेसन रिपोर्ट लिखवाने पहुंचे, पुलिस ने जल्दी करवाई शुरू कर दी क्यों की मामला एक जवान लड़की का था, तुरंत मोबाईल लोकेशन ट्रेस किया गया, मोबाईल लोकेसन से पता चला जूही दिल्ली पहुँच गयी हैं, सोशल मीडिया अकाउंट चेक किया गया तो पता चला जूही आज कल हरियाणा के एक लड़के के साथ चैटिंग के जरिये टच में थी, इतना सब सुन कर ममता और धीरेन्द्र भाई के पैरो तले जमीं ही खिसक गयी, जब तान्या और जतिन ने ये सब सुना तो उन्हें झटका लग गया, वे दोनों अपना सर पकड़ कर बैठ गये, अब कैसे सामना करेंगे अपनी मम्मी पापा और भाइ का, तान्या के आँखों के आगे अँधेरा छा गया, उसे अपनी मम्मी की बाते याद आने लगी, मम्मी बोल रही थी जूही को मोबाईल नहीं दो आज कल का समय ठीक नहीं हैं, तान्या हंस कर बोलती मम्मी आज कल जिसके पास बड़ा मोबाईल नहीं होता है उसे लोग देहाती ग्वार समझते हैं,धीरेन्द्र भाई बोलते मेरे पास छोटा मोबाइल हैं, तो मैं गवार हो गया, जब सारा काम इस छोटे मोबाइल से हो जाता है तो उस बड़े मोबाइल की क्या जरुरत, धीरेन्द्र भाई जूही को मोबाईल देने के सख्त खिलाफ थे,

किसी तरह जतिन और तान्या हिम्मत कर घर आये, तान्या ने जैसा सोचा था वैसा ही हुआ, मम्मी रोये जा रही थी, रोते हुए बोल रही थी यदि तान्या ने मोबाईल नहीं दिया होता तो आज ये दिन देखने नहीं पड़ते,

गगन तो जतिन और तान्या से झगड़ पड़ा, गुस्से में बोल रहा था इसी ने मोबाईल दे कर बिगाड़ दिया जूही को, सारा किया धरा इन दोनों का हैं, इन दोनों ने ही मोबाईल दे कर बिगाड़ दिया जूही को, किसी तरह से धीरेन्द्र भाई ने मामले को सम्हाला, आखिर बेटी और दामाद की बात थीं,

तान्या और जतिन निचे सर किये हुए उनकी बात सुनते रहे, आखिर बोलते भी तो क्या बोलते, थोड़ी देर में पुलिस गाड़ी आई और गगन उनके साथ निकल गया, किसी तरह हिम्मत कर जतिन ने धीरेन्द्र भाई से पूछा- गगन भईया पुलिस के साथ कहाँ गये,

धीरेन्द्र भाई बोले- गगन दिल्ली गया गया हैं, पता चला हैं की तान्या दिल्ली में हैं, भगवान् से यही

प्रार्थना है की तान्या सही सलामत हो, कहते कहते धीरेन्द्र भाई का गला भर्रा गया, और वे रोने लगे,

जतिन चुप-चाप सर पर हाथ रखे बैठा रहा, पहले कभी भी गगन कही जाता तो जतिन को अपने साथ ले कर जाता था, कोई भी काम करने से पहले जतिन से जरुर पूछता था, और आज पलट कर ओह इतना सोचते-सोचते जतिन अपनी हथेलियों से अपने चेहरे को ढक लेता हैं उसके आँखों से भी आंसू निकल आये,

तान्या भी भगवान् के आगे बैठ कर उस पल को कोस रही थीं जब उसने जूही को ओ मोबाईल दिया था, और मन ही मन ये प्रार्थना कर रही थीं की जूही जल्द से जल्द सहीसलामत घर वापस आ जाए,

                                                                         अल्पना सिंह

 

 

 

 

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