धोखा हिंदी कहानी

 

धोखा

अरे ये तो सृजन लग रहा है, ये औरत कौन है उसके साथ, उस औरत के गोद में 3-4 साल का बच्ची  भी थी, सुरभि आश्चर्य में थी, सुरभि को सृजन पर शक होने लगा, सुरभि मन ही मन सोच रही थी, नहीं-नहीं ये मेरा वहम हो सकता हैं, फिर भी एक बार चल कर देखती हूँ, यही सोच कर सुरभि सृजन के पीछे-पीछे चल दी, सृजन उस महिला के साथ एक होटल में गया, सुरभि भी सृजन के पीछे-पीछे होटल में चली गयी, सृजन बाथरूम की ओर गया तो सुरभि उस औरत के पास पहुंची, सुरभि ने उस औरत से पूछा आपके साथ जो आये है वो कौन है, उस औरत ने जवाब दिया- “ वो मेरे पति हैं, और ये हमारी बेटी, सुरभि हँस कर बोली- बहुत प्यारी बेटी है आपकी, और होटल से बहार निकल आई,

सुरभि ने रोमा को फ़ोन लगाया,” हेल्लो रोमा कहाँ हैं तू, ”                                   

रोमा – “ घर पर हूँ, क्यों क्या हुआ ?”

सुरभि- “जल्दी से होटल स्काई में पहुँच तुम्हें कुछ दिखाना हैं,”

थोड़ी देर में ही रोमा होटल स्काई पहुंची और सुरभि से बोली- बोल क्या बोलना हैं ?

सुरभि- “बोलना नहीं,कुछ दिखाना हैं, वो देख कौन बैठा हैं सामने,?”

रोमा आश्चर्य से- “अरे ये तो सृजन हैं, और उसके साथ महिला कौन हैं?”

सुरभि बोली-“ सृजन की पत्नी, और उसके गोद में उसकी बेटी ?”

रोमा घुर कर सुरभि को देखती है और बोलती हैं- “ तुझे कैसे पता ?”

सुरभ-“ ऐसे घुर मत मैंने बात की उससे, उसी ने बताया की सृजन उसका पति हैं, और गोद में जो बच्ची है वो उनकी बेटी,”

रोमा- सर पकड़ कर वही होटल के सीड़ियों पर बैठ जाती है और बोलती हैं इतना बड़ा धोखा ? बोलते बोलते रोमा का गला भर आता हैं उसके आँखों से आँसू बहने लगे,

सुरभि रोमा के बगल में बैठते हुए बोली- “ ये रोने का नहीं ख़ुशी मनाने का टाइम है पगली, इतने बड़े धोखेबाज से बच गयी तू, मुझे तो पहले से ही ये आदमी कुछ ठीक नहीं लगता था, लेकिन तेरे सर पर ही प्यार का भुत सवार था,”

थोड़ी देर चुप रहने के बाद एकदम से सिरिअस होते हुए सुरभि बोली- “यार रोमा बात कुछ आगे ......”

सुरभि ने अपनी बात पूरी भी नहीं की थीं की एकदम से रोमा सुरभि को घुड़की देते हुए बोली “ हट ऐसा कुछ नहीं है लेकिन, “ इतना बोल कर रोमा चुप हो गयी,

सुरभि बोली- “ लेकिन ! लेकिन क्या रोमा ?”

रोमा बोली-“ लेकिन मेरे कुछ फोटो और चैट हैं उसके पास, “

सुरभि रिलेक्स होते हुए बोली- “बस इतनी सी बात , देख मैं कैसे सब डिलीट कराती हूँ,”

रोमा सुरभि की ओर देख कर बोलती है- “अब क्या करने वाली है तू, “

सुरभि- “कुछ ज्यादा नहीं इस धोखेबाज को इसकी सजा तो मिलनी ही चाहिए, चल फ़ोन लगा उसे और बाहर बुला”

रोमा आश्चर्य से सुरभि को देखती हैं,

सुरभि शरारती लहजे में बोलती है, “ अरे यार इतनी बार तू अपनी मर्जी से उसे बुलाती थी एक बार मेरे लिए भी बुला ले, इतना बोल कर सुरभि एक आँख दबा देती है, और खिलखिला कर हँसने लगती हैं, जैसा मैं बोल रही हूँ वैसा करती जा बस इतना याद रखना की सृजन का फेस होटल की ओर होना चाहिए और तेरा पीठ ओके,”

रोमा ने सृजन को फ़ोन लगाया, सृजन रोमा का कॉल देख कर चौक गया,

सृजन अपनी पत्नी से बोला- “ऑफिस से फ़ोन आया हैं, तुम खाने का आर्डर करो, मैं बात कर के आता हूँ, इतना बोल कर सृजन होटल से बहार निकल गया”

सृजन- हेल्लो कहाँ हो तुम,

रोमा- “पीछे मुड़ कर देखो “ रोमा हँसते हुए सृजन के गले लग जाती हैं, सृजन हडबराते हुए रोमा को अपने से अलग करता हैं, और इधर उधर देखने लगता हैं, जैसे कोई देख ना ले,

सृजन बोला- “ अरे रोमा तुम यहाँ कैसे ? तुम्हे कैसे पता चला की मैं यहाँ हूँ ?

रोमा हँसते हुए सृजन की कार की ओर इशारा करते हुए बोलती हैं- “ऐसे ! अब चलो कॉफ़ी पिने चलते हैं? ”

सृजन घबराते हुए बोला- “ नहीं नहीं मैं यहाँ ऑफिस के काम से आया हूँ मेरा बॉस भी साथ में है, मैं तुमको शाम में यहीं मिलूँगा, ”

रोमा ने भी ज्यादा जीद नहीं किया, थोडा नखरे दिखाते हुए बोली-“ पक्का ना जानू “

सृजन- “हाँ, पक्का, फ्री हो कर कॉल करता हूँ मैं तुम्हें, ” रोमा के जाते ही सृजन रुमाल निकाल कर अपने माथे से पसीना पोछते हुए पीछे पलटा ही था की पीछे उसकी पत्नी चंडी का रूप धारण किये खड़ी थी, सृजन समझ गया की उसकी पत्नी ने सब कुछ देख लिया है, उसने अपनी सफाई देनी चाही बोला – “ये मेरे ऑफिस में काम करती है,

सृजन की पत्नी सृजन से उसका मोबाईल मांगती हैं, और उसमे से उसका और रोमा का चैट निकल कर दिखाते हुए चिल्लाती ये क्या हैं सृजन तुम मुझे धोखा दे रहे हो? मैं तुम्हे देख लुंगी ? तुम्हें सड़क पर ले आउंगी, अभी जा कर ये सारी करतूत पापा को दिखाती हूँ, सृजन एक दम गीडगिडाते हुए बोला- देखो मुझसे गलती हो गयी, मैं आज के बाद ऐसा नहीं करूँगा, मैं अभी सब डिलीट कर देता हूँ, उसे ब्लाक भी कर देता हूँ,

सृजन की पत्नी गुस्से से बोली अभी के अभी ब्लाक करो, इतना बोल कर सृजन की पत्नी ने टैक्सी को इशारा किया और बोली जा रही हूँ मैं पापा के घर, तुम वही आ कर मुझसे मिलो, सृजन पीछे से चिल्लाता रह गया और उसकी पत्नी गुस्से में वहां से चली गयी,

सुरभि बोली- चल अब घर जा ऐसे धोखेबाज़ के लिए ये सजा काफी हैं, दोनों सहेलियाँ हँसते हुए घर की ओर चल दी,

          अल्पना सिंह

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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