हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है।

 



हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है।
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अरे महेश बाबू, काहे दिमाग खराब कर रहे हो भाई? दिमाग में कुछ रहता तो लिख नहीं देते, पर अभी कुछ नहीं है मेरे दिमाग में, मेरा दिमाग अभी बिलकुल खाली सा है। जो भी लिखूंगी, कल लिखूंगी। अभी के लिए बस हर हर महादेव’, ‘जय शिव शंकर’, ‘जय भोलेनाथ
इतना भड़क काहे (क्यों) रही हो शकुंला दीदी? सोचा तुम अच्छा लिखती हो, तो तुम ही से कुछ लिखवा लूं। कल ही आंगनवाड़ी स्कूल में भाषण देना है।
अब महेश बाबू, तुम तो आंगनवाड़ी स्कूल के प्रिंसिपल बन गए हो और पढ़ाई-लिखाई कुछ आता नहीं है!
अरे शकुंलता दीदी, काहे(क्यों) इतना इंसल्ट कर रही हो? तुमको तो पता हैं, की हम मैथ के टीचर हैं और अंग्रेजी में शुरू से ही कमजोर रहे हैं। और नहीं तो का(क्या), हिंदी में बोलना रहता तो अभी तक कितने भाषण दे चुके होते हम, तुम्हारे आगे हाथ नहीं जोड़ते!

अरे महेश बाबु, इंग्लिश नहीं आता, तो इसमें इंसल्ट की का (क्या) बात है? हमको भी तो मैथ नहीं आता। और देखो, ज्योति जी को भी गणित और विज्ञान दोनों नहीं आता हैं, तो का (क्या) हमें शर्मिंदा होना चाहिए?
देखिए महेश बाबू, ये भारत देश है और इन्हां (यहाँ) की राष्ट्रभाषा हिंदी है। इन्हां (यहाँ) जिनको हिंदी नहीं आती, उन्हें इंसल्ट महसूस करना चाहिए। हिंदी जानने वालों को तो गर्व महसूस करना चाहिए।
जो लोग इंग्लिश नहीं जानते, वे ट्रांसलेटर का इस्तेमाल करते हैं, वैसे ही जिनको हिंदी नहीं आती, उन्हें भी ट्रांसलेटर का इस्तेमाल करने दीजिए ।
आखिरकार हम भारतीय हैं और हमारी पहचान हिंदी है, हमारी आत्मा हिंदी है।"

अल्पना सिंह                                                                

 

 

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